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10वीं की परीक्षा पर 2 से 3 दिन में फैसला- मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे

एक्स परीक्षा से फिर से आगे बढ़ें। राज्य सरकार जल्द ही परीक्षा आयोजित करने पर अपने अंतिम निर्णय की घोषणा करेगी।

10वीं की परीक्षा पर 2 से 3 दिन में फैसला- मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे
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मुंबई उच्च न्यायालय (Bombay high court)  ने गुरुवार को एसएससी बोर्ड  (Ssc) परीक्षा रद्द करने के लिए राज्य सरकार को फटकार लगाई।  किसने छात्रों को इस परीक्षा को रद्द करने की सलाह दी जो छात्रों के शैक्षणिक भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और इसे बिना किसी परीक्षा के पास कर दिया?  क्या आप तय करेंगे या हम आदेश देंगे? यह सवाल कोर्ट ने सरकार से पूछा था।  इसके बाद से यह मामला शासन स्तर पर फिर से शुरू हो गया है।  इस बारे में मीडिया ने मुख्यमंत्री से पूछा।

बुधवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में परीक्षाओं का मुद्दा उठा।  संबंधित विभाग के मंत्री और सचिव को अगले एक से दो दिन में रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है, जिसके बाद फैसला लिया जाएगा। उद्धव ठाकरे ने इसकी जानकारी दी। 


 कोर्ट में आख़िर हुआ क्या?

कोरोना वायरस (Coronavirus)  की दूसरी लहर ने लॉकडाउन के बाद 10वीं-12वीं की परीक्षाओं पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया।  सीबीएससी और अन्य बोर्ड द्वारा मैट्रिक की परीक्षा रद्द करने के बाद राज्य सरकार पर फैसला लेने का दबाव बढ़ गया।  उसके बाद मैट्रिक की परीक्षा रद्द करने के साथ ही मैट्रिक की परीक्षा स्थगित कर दी गई।

बारहवीं कक्षा की परीक्षा आयोजित करते समय दसवीं कक्षा की परीक्षा रद्द करने का क्या कारण है?  ऐसा सवाल पेश करते हुए पुणे यूनिवर्सिटी के पूर्व सीनेट सदस्य धनंजय कुलकर्णी ने दसवीं कक्षा की परीक्षा रद्द करने के सरकार के फैसले को मुंबई हाईकोर्ट में एक याचिका में चुनौती दी थी।


इसके अलावा, स्कूली शिक्षा में मैट्रिक परीक्षा सबसे महत्वपूर्ण परीक्षा है।  हालांकि, कोरोना के कारण आपने 16 लाख छात्रों के साथ मैट्रिक की परीक्षा रद्द कर दी। हालांकि, आप 14 लाख छात्रों के साथ 12वीं की परीक्षा देने जा रहे हैं।  यह क्या बकवास है?  दसवीं कक्षा के सीबीएसई बोर्ड के स्कूलों में नौवीं कक्षा तक छात्रों का नियमित आंतरिक मूल्यांकन किया जाताहै।  एसएससी बोर्ड के छात्रों के साथ ऐसा नहीं है।  इसलिए, उनके मूल्यांकन पद्धति की तुलना नहीं की जा सकती, खाडेबोल अदालत ने सरकार को बताया।

एक ओर जहां सीबीएससी और आईसीएससी बोर्ड विशेषज्ञ रिपोर्ट के अनुसार ग्रेडिंग का फॉर्मूला तैयार कर रहे हैं, वहीं एसएससी बोर्ड ने अभी तक कोई तैयारी नहीं की है।  ऐसा लगता है कि परीक्षा रद्द कर दी गई है।  इसलिए छात्र परीक्षा के बिना पास नहीं हो सकते हैं।  राज्य सरकार तब अपने फैसले को उलट देगी कि हमें रद्द करना चाहिए, उच्च न्यायालय ने पूछा।

सरकार ने मांग की है कि हमें एक अतिरिक्त हलफनामे के जरिए बयान देने का मौका दिया जाए और फिर अंतिम सुनवाई की जाए।

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