कोरोना (covid19) के मद्देनजर आम जनता के लिए लोकल सेवा (local train service) की यात्रा बंद की गई है। हालांकि कोरोना (coronavirus) के केस कम आने के बाद राजनीतिक दलों सहित यात्री संघों और आम लोग भी लोकल सेवा सभी के लिए शुरू करने की मांग कर रहे हैं।
इसी कड़ी में इसी मांग को लेकर बीजेपी (bjp) ने शुक्रवार को आक्रामक रुख अख्तियार करते हुए लोकल ट्रेन भरो आंदोलन किया। यह आंदोलन ठाणे के आसपास के स्टेशनों के अलावा चर्चगेट, घाटकोपर, मुलुंड, बोरीवली, कांदिवली, गोरेगांव, विले पार्ले में में भी किया गया। विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर के नेतृत्व में चर्चगेट स्टेशन के बाहर और भाजपा विधायक अतुल भातखलकर के नेतृत्व में कांदिवली में आंदोलन किया गया था।
आंदोलन के दौरान कई महिलाओं सहित कार्यकर्ताओं ने बैनर, तख्तियां कोविड -19 टीकाकरण प्रमाणपत्रों की प्रतियां लहराईं, राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और रेलवे स्टेशनों या ट्रेनों के अंदर भी नारे लगाए।
आंदोलन को देखते हुए तमाम रेलवे स्टेशनों पर पुलिस बल को तैनात किया गया था। आंदोलन के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी भी हुई।
मुंबई बीजेपी (mumbai bjp) की तरफ से मांग की गई थी कि, मुंबई की लोकल ट्रेनों में कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके लोगों को यात्रा की अनुमति दी जाए।
BJP workers stage protest at Churchgate over resumption of local train services in Mumbai City; several held.
— ANI (@ANI) August 6, 2021
This is govt's dictatorship through police, but our protest is for the common man. The state doesn't let us protest, nor does it resume services: Pravin Darekar, BJP pic.twitter.com/xHtGHb8FZ2
इस मौके पर प्रवीण दरेकर (pravin darekar) ने कहा कि 'जिन नागरिकों को टीके की दो खुराक दी गई है, उन्हें लोकल में यात्रा करने की अनुमति दी जानी चाहिए, यही हमारी मांग है।अब कोर्ट ने भी इस बारे में सरकार को कहा है। हम पूछते हैं तो यह उन्हें राजनीति लगती है, लेकिन कोर्ट के कहने पर क्या राज्य सरकार जागेगी?'
उन्होंने आगे कहा, जब सरकार प्रतिबंधों के साथ उड़ानों, बसों की अनुमति दे रही है, तो लाखों यात्रियों को उपनगरीय ट्रेनों से क्यों रोका जा रहा है, जो मुंबई की जीवन रेखा हैं।
लसीचे दोन डोस झालेल्या नागरिकांना लोकल प्रवासाला परवानगी द्यावी!, ही आमची जुनी मागणी आहे.
— Pravin Darekar - प्रविण दरेकर (@mipravindarekar) August 6, 2021
आता मा. न्यायालयाने याबाबत सरकारला सांगितलं आहे.
आम्ही विचारतो, ते राजकारण वाटत असेल, परंतु मा. न्यायालयाने विचारणा केल्यावर तरी राज्य सरकारला जाग येणार आहे का? pic.twitter.com/Yvp84uYVsZ
कांदिवली में विधायक अतुल भातखलकर ने मांग करते हुए कहा, अन्य साधन बहुत महंगे हैं सड़कों राजमार्गों से दूर के उपनगरों से अपने कार्यस्थलों तक जाने में घंटों लगते हैं। अगर शराब बार शुरू हो सकते हैं तो लोकल ट्रेनें क्यों नहीं।
बता दें कि अभी कुछ दिन पहले ही पत्रकारों से बातचीत करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री ने आम लोगों के लिए अभी लोकल शुरू नहीं करने की बात कही थी।
गौरतलब है कि, कोविड -19 महामारी प्रतिबंधों के मद्देनजर, पिछले 17 महीनों से, आवश्यक सेवाओं अन्य अनुमोदित श्रेणियों को छोड़कर, मुंबई उपनगरीय ट्रेनों को सामान्य यात्रियों के लिए रोक दिया गया है।