रिक्शा चालकों (auto driver) के लिए खुशखबरी है। कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण मुंबई (mumbai) सहित पूरे देेश में तालाबंदी यानी लॉकडाउन (lockdown) घोषित किया गया है। इस लॉकडाउन (lockdown) के कारण कई लोग अपनी नौकरी, रोजगार, उद्योग धंदे गंवा चुके हैं और वित्तीय संकटों (finance crisis) का सामना कर रहे हैं। इसी कड़ी में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) ने आर्थिक संकट से उबारने के लिए रिक्शा चालकों को न्याय देने की पहल की है। लॉकडाउन (lockdown) के कारण राज्य में 5 महीने तक रिक्शा मालिकों की ऑटो नहीं चली, जिससे उनके उन्हें कोई वित्तीय आय भी नहीं मिल रही थी। ऐसी स्थिति में, उन पर रिक्शा का लोन चुकाने के लिए बैंक वाले किश्त भरने का दबाव डाल रहे हैं। इस तरह की कई शिकायतें महाराष्ट्र नवनिर्माण वाहतुक सेना के पास आई थीं।
इस संबंध में, MNS ने पहले बजाज कंपनी को पत्र लिख ऑटो ऋण के लिए ग्राहकों के साथ सहयोग करने को कहा, फिर गोरेगांव में बजाज फाइनांस के ऑफिस जाकर वहां सहयोग की बात कही, अन्यथा विरोध करने की चेतावनी दी।
इसके बाद बजाज फाइनांस (bajaj finance) के अधिकारियों और एमएनएस (MNS) के संजय नाइक और कीर्तिकुमार शिंदे के बीच दो बार बैठक हुई। जिसके बाद बजाज फाइनेंस (Bajaj finance) ने एमएनएस द्वारा सुझाई गई योजना को मंजूरी दे दिया।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के इन दोनों अधिकारियों ने बताया कि, MNS के विरोध के चलते बजाज फाइनेंस ने अपने 1,19,743 ऑटो कर्ज धारकों को वित्तीय राहत देने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस मामले में गुरुवार देर शाम को कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों ने एमएनएस को योजना का लिखित पत्र भी सौंप दिया।
यह योजना इस प्रकार है:
महाराष्ट्र नवनिर्माण वहातुक सेना के अनुरोध पर, बजाज फाइनेंस ने उन ग्राहकों के लिए यह विशेष पेशकश की है, जिन्होंने फरवरी 2020 तक बिना किसी बकाया के मोरेटोरियम पॉलिसी का लाभ उठाया है।