राज्य में ठाकरे सरकार बनने के बाद से ही तीनों पार्टियों के नेताओं के बयान लगातार आते जा रहे है।उद्धव ठाकरे ने जिस समय इस सरकार ने महाराष्ट्र की कमान संभाली उस दिन से ही शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के नेता एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। जहां एक ओर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा की उन्होने हिंदुत्व का मुद्दा नहीं छोड़ा है तो वही दूसरी ओर अब एनसीपी के कोटे से राज्य में गृहनिर्माण मंत्री बने जितेंद्र आव्हाण ने विवादित बयान दिया है।
जितेंद्र आव्हाड ने एक कार्यक्रम में कहा- 'इंदिरा गांधी ने भी लोकतंत्र का गला घोंटा था। उस वक्त कोई उनके खिलाफ नहीं बोलता था, तब अहमदाबाद और पटना के छात्रों ने विरोध में मोर्चा खोला और जेपी आंदोलन ने उनकी पतन की शुरुआत की. महाराष्ट्र और पूरे देश में वही इतिहास दोहराया जाएगा'
आपको बता दे की इसके पहले शिवसेना के सासंद संजय राउत ने भी इंदिरा गांधी पर विवादित बयान दिया था। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा था, पूर्व पीएम इंदिरा गांधी डॉन करीम लाला से मिलने के लिए पायधुनी आती थीं। पायधुनी मुंबई का एक इलाका है. इंदिरा गांधी की कई बार करीम लाला से मुलाकात हो चुकी थी ' इस बयान पर बवाल होने के बाद संजय राउत ने अपनी सफाई में कहा था- 'नेहरू और इंदिरा गांधी के लिए हमेशा से सम्मान है, दरअसल, अफगानिस्तान के पठानों के नेता के रूप में नेताओं की करीम लाला से मुलाकात होती थी।
कांग्रेस ने किया पलटवार
कांग्रेस नेता और प्रदेश के पीडब्लूडी मंत्री अशोक चव्हाण (Ashok Chavan) ने एनसीपी नेता पर पलटवार करते हुए कहा “इंदिरा गांधी जी, जिन्होंने देश की एकता और अखंडता के लिए अपना जीवन लगा दिया, आज भी अपने समर्पण और कर्तव्य के लिए पूरी दुनिया में जानी जाती हैं,जितेंद्र आव्हाड ने समय रहते ही खुलासा कर अच्छा किया, फिर भी, मैं निश्चित रूप से कहूंगा कि यदि कोई हमारे नेताओं का अपमान करता है, तो उसे सही जवाब दिया जाएगा”
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