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'राज्य की सरकार केवल एक योजना चला रही है, वह है भ्रष्टाचार की योजना'

उन्होंने राज्य की इस सरकार को भ्रष्टाचार की गटारगंगा कहा। साथ ही यह भी कहा कि, इस सरकार ने कई योजनाओं को स्थगित कर दिया है और केवल एक ही योजना को शुरू किया है, वह है भ्रष्टाचार।

'राज्य की सरकार केवल एक योजना चला रही है, वह है भ्रष्टाचार की योजना'
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महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस (devendra fadnavis) ने राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार (mva) पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने राज्य की इस सरकार को भ्रष्टाचार की गटारगंगा कहा। साथ ही यह भी कहा कि, इस सरकार ने कई योजनाओं को स्थगित कर दिया है और केवल एक ही योजना को शुरू किया है, वह है भ्रष्टाचार।

अभी हाल ही में भंडारा (bhandara hospital fire incident) जिला अस्पताल में हुये अग्निकांड में 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई थी। इस घटना के खिलाफ भाजपा (bjp) ने सोमवार को यहां एक मोर्चा का आयोजन किया था। इस।मोर्चे को संबोधित करते हुए फडणवीस ने 10 मासूम बच्चों की मौत के दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की फडणवीस के अलावा इस मोर्चे में पूर्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, डॉ. परिणय फुके सहित अन्य नेता भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर बोलते हुए, देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि, भंडार में 10 मासूम बच्चों की मौत के बाद भी, राज्य सरकार की नकारात्मकता समाप्त नहीं हुई है। दूध, धान उत्पादकों और किसानों के विभिन्न मुद्दे अभी भी लंबित हैं।  राज्य सरकार ने लगातार डेढ़ साल से दुग्ध किसानों के बकाये का भुगतान करने, धान खरीद में भ्रष्टाचार को रोकने, श्रमिकों को कल्याणकारी लाभ प्रदान करने, कोरोना अवधि के दौरान बिजली बिल कम करने, बाढ़ पीड़ितों और किसानों को उचित सहायता प्रदान करने की मांगों को सरकार लगातार अनदेखी कर रही है। 

फडणवीस ने आगे कहा, हमारी सरकार के दौरान दूध पर सब्सिडी दी गई थी। लेकिन आज दूध का भुगतान नहीं किया जा रहा है। सरकार के मंत्रियों द्वारा बिजली बिल की माफी की घोषणा की गई थी। लेकिन, वे केवल लोगों को भ्रमित कर रहे हैं।गरीबों को देने के लिए 1,200 करोड़ रुपये नहीं हैं और मुंबई के बिल्डरों को 5,000 करोड़ रुपये दिए गए। सरकार ने पूर्वी विदर्भ के 6 जिलों में किसानों को कुल 11 करोड़ रुपये दिए। आज कई किसान आवेदन से नाराज हैं, लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिलती है। देवेंद्र फड़नवीस ने आरोप लगाया कि केवल आश्वासन और कोरे वादे किए जा रहे हैं, किसानों की मदद नहीं की जा रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, बेईमानी से आई इस सरकार को अब सड़कों पर संघर्ष करना होगा। उन दसों बच्चों की मांओं के आंसू अभी तक नहीं सूखे हैं। 6 महीने तक मंत्रालय में फाइल नहीं पड़ी होती तो आज यह समय नहीं आता। यह कोई दुर्घटना नहीं है, ये मौतें राज्य सरकार की गलती के कारण हुई हैं।

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