खिसकती हुई राजनीतिक जमीन और मुद्दों की कमी के कारण महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) एक बार फिर से फेरिवालों का मुद्दा उठा रही है। मनसे ने बीएमसी कमिश्नर अजोय मेहता को खत लिख कर फेरीवालों के संदर्भ में कोर्ट द्वारा बताये गए कानून का पालन करने को कहा है, ऐसा नहीं करने पर बीएमसी के खिलाफ फिर से आंदोलन करने की भी धमकी दी गयी है।
बनाए गए थे नियम
पिछले साल एल्फिंस्टन रोड रेलवे स्टेशन (अब प्रभादेवी) पर हुए भगदड़ की घटना के बाद अवैध फेरीवालों के खिलाफ मनसे ने आंदोलन किया था। इस आंदोलन के बाद बीएमसी ने अनेक फेरीवालों के खिलाफ कार्रवाई भी की थी। हालांकि बाद में इस मामले में कोर्ट ने भी दखल दिया और फेरीवालों के लिए नियम बनाते हुए सरकार को फेरीवाला जोन बनाने को कहा, साथ ही रेलवे स्टेशन से 150 मीटर दूर तक के इलाके को फेरीवालों के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया। लेकिन बीएमसी का मानना है कि नियम के बावजूद भी कुछ नहीं हुआ, अब फिर से फेरीवालों ने प्रतिबंधित क्षेत्रों में भी फेरी लगाना शुरू कर दिया है।
पढ़ें: फेरीवालों का मुकदमा लड़ेंगे कपिल सिब्बल
...तो मनसे फिर से करेगी आंदोलन
मनसे द्वारा लिखे गए पत्र में बीएमसी के खिलाफ नाराजगी प्रकट की गयी है। पत्र में लिखा गया है कि नियमानुसार शहर में फेरीवालों के लिए 10 हजार जगह चिन्हित किये गए हैं। कुल 6 वार्ड में जगहों को बांटा भी गया है। इन जगहों पर फेरी लगाने वालों अधिकृत फेरीवालों के पास डोमिसाइल होना अनिवार्य है, लेकिन इस डोमिसाइल का फेरीवाला संगठन विरोध कर रहा है, खासकर कांग्रेस फेरीवाला संगठन। इसीलिए फेरीवालों को नियमानुसार डोमिसाइल लेकर ही उन्हें फेरी लगाने दिया जाए और अवैध फेरीवाले के खिलाफ कार्रवाई की जाए। यही हमारी मांग है, अगर बीएमसी ऐसा नहीं करती है तो मनसे फिर से अपने स्टाइल में आंदोलन करेगी।
मनसे के निशाने पर कौन?
आपको बता दें कि इसके पहले भी मनसे फेरीवालों के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार कर चुकी है, अवैध फेरीवालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए बीएमसी है, पुलिस है। लेकिन खुद मनसे कार्यकर्ता कानून हाथ में लेकर कानून तोड़ते हैं, यह ठीक नहीं है। कहीं फेरीवालों के बहाने मनसे का निशाना बीएमसी यानी शिवसेना तो नहीं है?'
पढ़ें: हाईकोर्ट के आदेश के बाद पहली बार फेरीवाले पर दर्ज हुआ मामला