बुधवार 4 मई को मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए शिवसेना नेता संजय राउत( shiv sena sanjay raut) ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर विवाद के पीछे भाजपा का हाथ है। राउत का मानना है कि भाजपा महाराष्ट्र में हिंदुओं के बीच मतभेद पैदा करने के लिए मनसे सुप्रीमो राज ठाकरे (MNS Raj Thackeray) का इस्तेमाल कर रही है।
राउत के मुताबिक, लाउडस्पीकर का इस्तेमाल सिर्फ राज्य की मस्जिदों में ही नहीं, बल्कि मंदिरों में भी 'आरती' के लिए किया जाता है। उनका कहना है कि ये "आरती" सुबह जल्दी की जाती है और लोग अक्सर लाउडस्पीकर के माध्यम से इन धार्मिक आरतियों को सुनते हैं क्योंकि वे सभी मंदिर परिसर में प्रवेश नहीं कर सकते हैं। हालांकि बुधवार को ऐसा नहीं हो सका जिसे राउत दुर्भाग्यपूर्ण मानते हैं।
लाउडस्पीकर विवाद पर आगे बढ़ते हुए राउत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला सभी पर लागू होता है। राउत ने कहा की "अब हमारे मंदिरों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है, यह हम हिंदुओं के लिए एक काला दिन है कि लोग आरती नहीं सुन सकते"। उनका दावा है कि यह भाजपा के राजनेताओं की वजह से है । दूसरी ओर मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने एक बार फिर दोहराया की लाउडस्पीकर मुद्दा एक धार्मिक समस्या नहीं है, बल्कि एक सामाजिक समस्या है।
उन्होंने घोषणा की कि पूरे राज्य में उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया विरोध प्रदर्शन एक दिन का मामला नहीं था, मस्जिदों से अवैध लाउडस्पीकर हटाए जाने तक कार्रवाई जारी रहेगी। हालांकि, राउत ने दावा किया कि राज्य मे कोई विरोध नहीं हुआ है और राज्य में शांति है।
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