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आरटीआई से टोलमुक्त मुंबई की खुली पोल


आरटीआई से टोलमुक्त मुंबई की खुली पोल
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मुंबई - सत्ता में आने से पहले भाजपा ने महाराष्ट्र को टोलमुक्त करने का वादा किया था लेकिन सरकार में आने के बाद मुंबई को टोलमुक्त बनाने में उसकी कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई पड़ रही, इसका पता आरटीआई से मांगी गई जानकारी में चला है। अगर सरकार ने टोल रद्द किया तो इसकी भरपाई आम नागरिकों को करना पड़ेगा। टोल रद्द होने पर 14 हजार करोड़ के नुकसान की भरपाई मुंबई एंट्री प्वाइंट को देनी होगी। टोल पर नागरिकों को दिलासा देने के लिए सरकार ने आनंद कुलकर्णी समिति का गठन किया था। उनका कार्यकाल पूरा होने के बाद भी उनकी रिपोर्ट पर विचार नहीं किया गया। उनके बाद गठित सुमित मलिक समिति की रिपोर्ट को भी सरकार ने स्वीकार नहीं किया। जिससे पता चलता है कि सरकार टोल के मुद्द पर गंभीर नहीं है।

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