इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना दोनों को पिछली बार के विधानसभा चुनाव से कम सीटें मिली हैं, इसमें भी बीजेपी को लगभग 19 से 20 सीटें गंवानी पड़ी। जबकि शिवसेना को भी 5 से 6 सीट गंवानी पड़ी। हालांकि ये दोनों पार्टियां मिलकर सरकार आसानी से बना सकती हैं, लेकिन शिव सेना ने बीजेपी पर दवाब की राजनीति करना शुरू कर दिया है।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा को एक अप्रत्यक्ष चेतावनी देते हुए कहा है कि, वे इस जनादेश का सम्मान करते हैं लेकिन जिस तरह से लोकसभा के चुनाव में हमारे बीच (bjp-shivsena) 50-50 का फ़ॉर्मूला तय हुआ था, और मैंने विधानसभा चुनाव में बीजेपी समस्या को समझा, लेकिन हर बार मैं इस समस्या को नहीं समझ सकता। मुझे भी अपनी पार्टी आगे ले जानी है। उद्धव ने कहा कि हमें सत्ता में आने की कोई जल्दी नहीं है लेकिन सभी विकल्प खुले हैं।
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विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद, उद्धव ठाकरे ने शिवसेना भवन में एक संवाददाता सम्मेलन बुलाया था। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि, लोकसभा चुनाव से पहले हमारी जो बैठक हुई थी उसमें विधानसभा में बराबर की हिस्सेदारी देने का फैसला किया गया था। और अब इसे लागू किया जाना चाहिए। चुनाव से पहले मैंने बीजेपी की परेशानी को समझा और सीट बंटवारे को लेकर समझौता किया था लेकिन अब उनकी परेशानी बढ़ रही है तो मैं हर जगह उनकी परेशानी नहीं समझ सकता। अब मैं पारदर्शी तरीके से अमित शाह से बात करूंगा।
उन्होंने आगे कहा कि जब भी शासकों की आंखें बंद होती हैं, जनता आंख खोलने के लिए काजल लगाती है। आँखें खोलने के लिए सभी को धन्यवाद। उद्धव ने 50-50 के फार्मूले की याद दिलाई और दावा किया कि फार्मूला तय होने के बाद ही सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि सत्ता स्थापित करने की कोई जल्दी नहीं है, लेकिन सभी विकल्प खुले हैं।
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