घर के नाम पर लोगों को फंसाने वाले बिल्डरों पर 'महारेरा' में अपना शिकंजा कसना शुरु कर दिया है। ग्राहकों के द्वारा मिलने वाली शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए बुधवार को 'महारेरा' ने पहला झटका दिया एकता बिल्डर को। शिकायत मिली थी कि एकता बिल्डर ने अपने ग्राहकों को घर नही दे पा रहा है और अब उन्हें पैसा भी वापस नहीं कर रहा है।परेशान ग्राहक के लिए 'महारेरा' किसी फ़रिश्ते की तरह सामने आया और ग्राहक को न्याय दिलाया।
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महारेरा के सचिव वसंत प्रभु ने बताया कि विरार में कंस्ट्रक्शन कार्य करने वाले एकता पार्क्सविले (एकता वर्ल्ड) के ब्रुकलेन पार्क में कमलेश आइलानी नामके एक शख्स ने फ्लैट बुक कराया था। कमलेश ने बिल्डर के पास 26 लाख 15 हजार 357 रूपये सहित कुछ और रूपये शुल्क के रूप में एडवांस जमा कराया था। लेकिन बिल्डर समय पर कमलेश को फ्लैट नहीं दे पा रहा था और आगे भी फ्लैट देने के नाम पर आनाकानी कर रहा था। कमलेश ने कई बार बिल्डर से अपना पैसा वापस भी माँगा लेकिन बिल्डर कमलेश को पैसा भी नहीं दे रहा था। अंत में कमलेश ने 'महारेरा' की शरण ली। महारेरा के सदस्य बी. डी. कापणीस ने दोंनो पक्षों के बात सुनी और बिल्डर को पैसा वापस देने का आदेश दिया, जिसे बिल्डर ने मान लिया।
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लेकिन महारेरा के जानकार विजय कुंभार ने महारेरा के इस फैसले से नाराज बताये जा रहे हैं। उनका कहना है कि महारेरा कानून में इस तरह का कोई कानून नहीं हैं, बल्कि ऐसे बिल्डरों के लिए जुर्माने या फिर सजा का प्रावधान है।
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आपको बता दें कि घर के नाम पर बिल्डर ग्राहकों को अपने जाल में न फंसा पाए इसके लिए 'महारेरा' कानून लाया गया था।इसे 1 मई से पूरे राज्य में लागू कर दिया गया। ग्राहकों द्वारा बिल्डरों की शिकायत लगातार बढती ही जा रही है। एक आंकड़े के मुताबिक़ अब तक 60 से अधिक ऑनलाइन शिकायत महारेरा को मिल चुकी है।
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