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'सर' के अंतिम संस्कार में सचिन रोये , तो बच्चों ने दी बल्ले से सलामी, देखें विडियो

पद्मश्री जैसे पुरुस्कार से सम्मानित व्यक्ति का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाता है और पुलिस प्रशासन उन्हें अंतिम सलामी देती है, लेकिन सरकार की तरफ से उदासीन रवैया अपनाने के कारण कुछ लोग यहां नाराज भी दिखे जो चर्चा का विषय बना रहा.

'सर' के अंतिम संस्कार में सचिन रोये , तो बच्चों ने दी बल्ले से सलामी, देखें विडियो
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पद्मश्री और द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित सचिन तेंडुलकर और विनोद कांबली जैसे क्रिकेटर के गुरु रमाकांत आचरेकर 'सर' का बुधवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया। मंगलवर रात हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गयी थी। 87 साल के आचरेकर की अंतिम विदाई के मौके पर खेल और राजनीति जगत के कई दिग्गज हस्तियां उपस्थित थीं। हालांकि एक पद्मश्री जैसे पुरुस्कार से सम्मानित व्यक्ति का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाता है और पुलिस प्रशासन उन्हें बंदुको से अंतिम सलामी देती है, लेकिन सरकार की तरफ से उदासीन रवैया अपनाने के कारण कुछ लोग यहां नाराज भी दिखे जो चर्चा का विषय बना रहा।

अंतिम दर्शन के लिए जुटी भारी भीड़ 
इसके पहले 'सर' आचरेकर के अंतिम दर्शन के लिए सुबह से ही उनके निवास स्थान पर उनके शिष्यों सहित आम लोगों और मीडिया की भारी भीड़ उमड़ी थी। लगभग सुबह 10 बजे सचिन तेंडुलकर अपने गुरु का अंतिम दर्शन करने पहुंचे थे। विनोद कांबली सहित एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे, मुंबई के मेयर विश्वनाथ महाडेश्वर, भाजपा विधायक आशीष शेलार जैसे लोग भी अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे थे। आचरेकर की अंतिम यात्रा के दौरान युवा क्रिकेटर्स ने उन्हें बल्ले से सलामी दी। 


सचिन और कांबली रो पड़े 
सर आचरेकर का अंतिम संस्कार शिवाजी पार्क के हिंदू श्मशान भूमि में किया गया। माहौल उस समय गमगीन हो गया जब अंतिम संस्कार के समय सचिन और कांबली रो पड़े, दोनों को रोता देख वहां उपस्थित कई लोगो की आँखों में आंसू आ गये।  

पीएम ने ट्वीट कर जताया दुःख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आचरेकर के निधन पर शोक जताया। पीएमओ के ऑफिशियल ट्वीटर अकाउंट पर उन्होंने लिखा, "यह खेल जगत के लिए बहुत बड़ी क्षति है।"

अपने गुरु के निधन पर सचिन ने उनके साथ खिंची हुई एक फोटो को ट्वीटर पर पोस्ट करते हुए ट्वीट किया और कहा, ''स्वर्ग में भी अगर क्रिकेट होगा तो आचरेकर सर उसे समृद्ध कर देंगे। उनके अन्य छात्रों की तरह मैंने भी क्रिकेट की एबीसीडी उनसे ही सीखी। मेरे जीवन में उनका योगदान शब्दों से नहीं बताया जा सकता। आज मैं जहां खड़ा हूं, उसका आधार उन्हीं ने बनाया था।''

पढ़ें: सचिन तेंडुलकर के क्रिकेट कोच रमाकांत आचरेकर का हुआ निधन

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