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कमला मिल आग हादसे की रिपोर्ट पेश: हुक्के की एक चिंगारी ने मचाया तांडव

रिपोर्ट के अनुसार जब आग लगी तो वह फैलती हो चली गयी क्योंकि मोजोस ब्रिस्टो और वन-अबव की छत जो की समानांतर ही बनी थी, उनमें प्लस्टिक और बांस बल्लियों का यूज किया गया था।

कमला मिल आग हादसे की रिपोर्ट पेश: हुक्के की एक चिंगारी ने मचाया तांडव
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कमला मिल आग हादसे को लेकर दमकल विभाग ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है। रिपोर्ट पढ़कर आपका भी दिल दहल जायेगा। इस रिपोर्ट के अनुसार यह आग मोजोस ब्रिस्टो पब में लगी थी। रिपोर्ट में आग लगने का कारण बताया गया है कि हुक्के की एक चिंगारी वहां लगे एक कपड़े पर्दे पर पड़ी और आग लग गयी।

रिपोर्ट के अनुसार 29 दिसंबर को जब आग लगी तो वह फैलती हो चली गयी क्योंकि मोजोस ब्रिस्टो और वन-अबव की छत जो की समानांतर ही बनी थी, उनमें प्लस्टिक और बांस बल्लियों का यूज किया गया था।


'तो इसीलिए आग फैली'

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यह आग मोजोस पब में दक्षिण-पूर्व कोने से शुरू हुयी। आग का कारण यह भी बताया गया है कि 31 दिसंबर के मौके पर वहां सजावट भी की गयी थी। सजवाट के लिए कई कपड़े के पर्दे, कागज़ और प्लास्टिक से बने सामानों से पब को पूरी तरह से सजाया या था, जिससे आगे को फैलने का मौका मिला। रिपोर्ट में दी गयी जानकारी के मुताबिक़ दोनों पब मोजोस और वन-अबव रूफ टॉप थे इसीलिए दोनों की छत भी एक ही थी, जो कि प्लास्टिक और बांस बल्लियों की बनी थी इसीलिए आग मोजोस से वन-अबव में फ़ैल गयी।


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'डीजे' का तेज भी बनी कारण 

रिपोर्ट में एक चौंकाने वाला खुलासा यह किया गया है कि जब मोजोस में आग लगी तो वहाँ अफरातफरी मच गयी लेकिन वन-अबव में काफी तेज आवाज में डीजे बज रहा था जिससे किसी को भी चीख पुकार की कोई आवाज नहीं सुनाई दी, लेकिन जब आग फैलते हुए वन-अबव के छत पर आ गयी तो वहां भी भगदड़ मच गयी।


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दोनों पब की एक ही था रास्ता 

एक दुर्भाग्य वाली बात यही सामने आयी कि मोजोस और वन-अबव से बाहर जाने का एक ही रास्ता था और वह थी लिफ्ट। यानी लिफ्ट के जरिये ही कोई अंदर या बहार आ और जा सकता था। आग लगने के बाद सभी लोग भाग कर लिफ्ट के यहां आ गए और वहां भीड़ जमा हो गयी। लिफ्ट से केवल 5 लोग ही बाहर जा सकते थे लेकिन दोनों पबों में मिलकर 200 से 250 लोग थे।


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प्लास्टिक से बनी गैस से घुटा दम 

जब छत का प्लास्टिक जलने लगा तो वह पिघलकर लोगों के ऊपर गिरने लगा जिससे लोग भागकर टॉयलेट में घुस गए क्योंकि वह पक्का बना हुआ था, लेकिम मौत न वहां भी लोगों का पीछा नहीं छोड़ा। टॉयलेट आग से चारों तरफ से घिर चूका था, प्लास्टिक जलने से ऑक्सीजन कम हो गयी थी और कार्बनडाई आक्साइड और कार्बनमोनो आक्साइड फ़ैल गयी जिससे लोगों का दम घुटने लगा और उनकी मौत हो गयी।


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