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राज्यपाल ने अपने बयान के लिए मांगी माफी!

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा था कि अगर गुजराती और राजस्थानी लोगों को मुंबई से हटा दिया जाता है, तो यहां कोई पैसा नहीं बचेगा।

राज्यपाल ने अपने बयान के लिए मांगी माफी!
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महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ( bhagat singh koshyari) ने अपने एक विवादित बयान के लिए माफी मांग ली है।  राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी  ने कहा था कि अगर गुजराती और राजस्थानी लोगों को मुंबई से हटा दिया जाता है, तो यहां कोई पैसा नहीं बचेगा। उनके इस बयान से बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। राज्य की सभी विपक्षी पार्टियों ने इस बयान पर राज्यपाल की कड़ी निंदा की थी।  बीजेपी ने राज्यपाल के अपने इस बयान से किनारा कर लिया था।  

विवाद को बढ़ता देख  राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने माफी मांग ली है।   इस संबंध में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने एक बयान जारी किया है। राज्यपाल ने अपने बयान में कहा कि 29 जुलाई को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में मैंने मुंबई के विकास में कुछ समुदायों के योगदान की सराहना करने में गलती की।  

राज्यपाल ने कहा की  "29 जुलाई को, मैंने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में मुंबई के विकास में कुछ समुदायों के योगदान की सराहना करने में गलती की,  न केवल महाराष्ट्र बल्कि पूरे भारत के विकास में सभी का विशेष योगदान है,  विशेष रूप से अपने-अपने राज्यों की उदारता और सबको साथ लेकर चलने की उज्ज्वल परंपरा के कारण  आज देश प्रगति की ओर बढ़ रहा है'' 

राज्यपाल कोश्यारी ने माफी मांगते हुए  कहा की " पिछले तीन वर्षों में, मुझे महाराष्ट्र के लोगों से अपार प्यार मिला है,  मैंने महाराष्ट्र और मराठी भाषा का सम्मान बढ़ाने की पूरी कोशिश की है,  लेकिन अगर मैंने उपरोक्त भाषण में कोई गलती की है, तो इसकी कल्पना नहीं की जा सकती है कि इस गलती को महाराष्ट्र जैसे महान राज्य का अपमान माना जाना चाहिए,  महाराष्ट्र के महान संतों की शिक्षाओं के अनुसार, हमें विश्वास है कि राज्य के लोग इस विनम्र लोक सेवक को माफ कर देंगे और अपने बड़े दिल की पुष्टि करेंगे"

क्या कहा था राज्यपाल ने 

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने एक कार्यक्रम में कहा था की “कभी-कभी मैं महाराष्ट्र में लोगों से कहता हूं कि अगर आप मुंबई और ठाणे से गुजरातियों और राजस्थानियों को हटा देंगे, तो आपके पास कोई पैसा नहीं बचेगा। मुंबई को देश की आर्थिक राजधानी कहा जाता है। हालांकि, अगर गुजराती और राजस्थानी लोगों को हटा दिया जाता है तो मुंबई को वित्तीय राजधानी नहीं कहा जाएगा।"

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