लोकसभा में पास होने के बाद नागरिक संशोधन बिल को अब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में पेश किया है, जिस पर इस समय चर्चा हो रही है। इस बिल को लेकर सभी सांसद अपनी-अपनी बात राज्यसभा में रख रहे हैं। इसी बिल पर बोलते हुए शिव सेना सांसद संजय राउत ने कहा कि, इस बिल का जो लोग विरोध कर रहे हैं उन्हें देशद्रोही कहा जा रहा है और जो इसके पक्ष में हैं उन्हें देशभक्त। हम हिंदू हैं इसका प्रमाण हमें देने की कोई जरूरत नहीं है। राउत ने आगे कहा, आप जिस स्कूल में पढ़ रहे हैं हम उस स्कूल के मास्टर हैं और शिव सेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे उसके हेड मास्टर। '
और क्या कहा राउत ने?
सांसद राउत ने इस बिल को लेकर सरकार से गलतफहमी दूर करने की बात कही। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि, 'सरकार इस बिल पर हमारी शंका दूर करे। अगर हमें संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो हमारा स्टैंड संसद में लिए गए स्टैंड से अलग भी हो सकता है। शंका का सही जवाब मिलने पर सोचेंगे।'
संजय राउत ने आगे कहा, ' शरणार्थी और घुसपैठियों में अंतर होता है. पाकिस्तान सहित अन्य देशों में हमारे भाइयों पर जो अत्याचार होता है उसमें उनका साथ देना चाहिए। भारत ने जिन लोगों ने घुसपैठ किया है उन्हें इस देश से बाहर निकालना चाहिए। हिंदू-मुस्लिम के बंटवारे की दोबारा कोशिश न करें। साथ ही इस बिल में श्रीलंका के तमिल हिंदुओं के बारे में कुछ नहीं है।'
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शिव सेना के इस नेता ने स्पष्ट किया कि, राउत ने सवाल उठाया, जिन लाखों-करोड़ो लोगों को आप आश्रय देना चाहते हो, क्या आप उन्हें मतदान का अधिकार प्रदान करोगे? उन लोगों को 20-25 साल से मतदान का अधिकार नहीं मिला है। इस बारे में पार्टी ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है। मानवता का कोई धर्म नहीं होता और शिवसेना किसी के दबाव में राजनीति नहीं करती।
गौरतलब है कि सोमवार को लोकसभा में शिवसेना ने नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन करते हुए इसके पक्ष में वोट दिया था, जिसके बाद राहुल गांधी का नाराज होकर एक ट्वीट किया और इसके समर्थन में वोट करने वाले दलों के पार्टी अपनी नाराजगी जाहिर की।
जिसके बाद शिव सेना ने यू-टर्न लेते हुए राज्यसभा में विधेयक का समर्थन करने से पहले शर्त रख दी है।
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